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Showing posts from July, 2021

जलवायु परिवर्तन और महामारी *****************

    एशिया में 20 हजार साल पहले भी आई थी महामारी  28 जून 2021 को प्रकाशित -अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के विश्वविद्यालयों में प्राचीन मानव जीन संरचना के अध्ययन से पता चला है कि मौजूदा चीन, जापान, मंगोलिया, उत्तर कोरिया, दक्षिण कोरिया और ताइवान के इलाके में कोविड-19 जैसी महामारी 20 हजार साल पहले भी आई थी। लेकिन यह एक बार आकर खत्म हो गई थी। बीते 20 साल में भी कोरोना वायरस तीन बार आई महामारियों के लिए जिम्मेदार माना जाता है। इस दौरान सबसे पहले फैले सार्स-कोरोना वायरस से श्वसन तंत्र को गंभीर नुकसान हुआ था। यह बीमारी 2002 में चीन से ही पैदा हुई थी और उससे 800 से ज्यादा लोग मारे गए थे। जबकि मर्स-कोरोना वायरस पश्चिम एशिया में पैदा हुआ, उसने भी श्वसन तंत्र पर हमला किया। उससे 850 से ज्यादा लोग मारे गए। वर्तमान में सार्स-कोरोना वायरस-2 के कारण कोविड-19 महामारी फैली है जिससे अभी तक दुनिया में 39 लाख लोग मारे जा चुके हैं।        20 हजार साल पहले कोरोना वायरस के कारण हुई तबाही के बारे में क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, यूनिवर्सिटी ऑफ एडिलेड, यूनिवर्सिटी ऑफ कै...

प्रारंभिक स्वास्थ्य चेतावनी प्रणाली *******

      रोगों महारोगों के विषय में अनुसंधान हमेंशा से होते चले आ रहे हैं यह दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि अभी तक किए गए उन अनुसंधानों से आखिर ऐसा क्या मिला जिससे महामारी से जूझती जनता को कुछ राहत पहुँचाई जा सकी हो |  डेढ़ वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है किंतु अभी तक कोरोना महामारी के विषय में कोई ऐसी जानकारी नहीं जुटाई जा सकी जिसके बल पर   भविष्य    कोरोना महामारी के विषय में   आने वाली महामारियों के विषय में कोई पूर्वानुमान लगाया जा सके या किसी अन्य प्रकार से महामारी को समझने में कोई मदद मिल सके जिसके बल पर समाज को भरोसा दिया जा सके कि अबकी जो हुआ सो हुआ  दुर्भाग्यवश   भविष्य में यदि ऐसी कोई महामारी घटित होती है तो इस महामारी की अपेक्षा कुछ और अच्छे ढंग से  उस  महामारी से निपटा जाएगा और समाज को संक्रमित होने से मरने से एवं भयभीत होने से बचा लिया जाएगा |        महामारी के विषय में जिसे जो जानकारी थी जिसके द्वारा अनुसंधान संबंधी जितने भी प्रयास किए जा सकते थे वे किए गए हैं किंतु आज तक महामार...

आधुनिकविज्ञान

                                                                   -:दो शब्द :-              भूकंप बाढ़ आँधी तूफानों की तरह ही महामारियों के वेग को  घटाया तो जा नहीं सकता है |अपने बचाव का रास्ता खोजा जा सकता है ऐसी सभी प्राकृतिक घटनाओं के एक बार प्रारंभ हो जाने के  बाद इन्हें रोका जाना मनुष्य के बश की बात नहीं  होती है |इसलिए इनसे बचाव के लिए दो बातें आवश्यक होती हैं पहली बात तो ऐसी महामारियों के विषय में पूर्वानुमान लगाया जाए और पहले से उचित एवं स्वास्थ्य के अनुकूल दिनचर्य्या बनाकर संभावित संक्रमण से बचने का प्रयास किया जाए | दूसरी बात इस बात का अनुमान लगाए जाने की आवश्यकता है कि  महामारी की संक्रामकता पर प्रतिरोधक क्षमता का कितना प्रभावपड़ सकता है | क्या प्रतिरोधक क्षमता के बलपर महामारी काल में भी संक्रमित होने से बचा जा सकता है | यदि ऐसा संभव है तो प्रतिरोधक क्षमता...