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Showing posts from April, 2022

महामारी और प्राकृतिक आपदाओं से बचाव हेतु क्या किया जाना संभव है ? Book द्वितीय !

    महामारी और प्राकृतिक आपदा ओं  से बचाव हेतु क्या किया जाना संभव है ?        महामारी का संक्रमण हो या प्राकृतिक आपदाएँ ऐसी दुर्घटनाओं से पीड़ित होकर जिसे जैसी भी रोग दोष चोट चभेट आदि लगती है उनकी चिकित्साहेतु चिकित्सा जगत के पास अद्भुत तैयारियाँ हैं | इसके अतिरिक्त कुछ और भी कर लिया जाता है तो अच्छा ही होगा |      महामारी और प्राकृतिक आपदा ओं को घटित होने से रोक पाना मनुष्यों के बश की बात नहीं है | ऐसी दुर्घटनाओं से होने वाली मृत्यु जैसी दुखद घटनाओं को भी रोका जाना संभव नहीं है | इसके साथ ही किसी को पुनर्जीवन दान देना भी वैज्ञानिक प्रयासों से संभव नहीं है और जनता को ऐसी अपेक्षा भी नहीं है |       महामारी समेत समस्त  प्राकृतिक आपदाओं से सबसे अधिक नुक्सान उनके अचानक घटित होने के कारण कारण होता है इससे सँभलने का समय ही नहीं मिल पाता है और भूकंप आँधी तूफ़ान बाढ़ बज्रपात जैसी घटनाएँ घटित होनी प्रारंभ हो जाती हैं | इससे जो भी जनधन की हानि होती है उसके लिए आपदाप्रबंधन जैसी तैयारियाँ सरकारों क...

प्रकृति और जीवन - प्रारंभिक स्वास्थ्य चेतावनी प्रणाली (Book प्रथम)

                                              अनुसंधानों के आधार बहुत छिछले हैं !       किसी भी घटना के विषय में किए जाने वाले अनुसंधान  का उद्देश्य जिस किसी भी प्रकार से उस घटना को अच्छी प्रकार से समझना होता है |जिसके आधार पर उस घटना  विषय में जो कुछ भी समझा जाए वो घटना से संबंधित लगे भी और उसके आधार पर उस घटना के भविष्य संबंधी संभावित परिवर्तनों के विषय में जो भी अनुमान या पूर्वानुमान लगाया जाए वो सही निकले |      वर्तमान समय में प्राकृतिक विषयों पर जिस प्रकार से परिणामशून्य अनुसंधान चलाए जा रहे हैं वो चिंता का विषय है भूकंप आँधी तूफ़ान सूखा वर्षा और बाढ़ जैसी घटनाओं के विषय में या फिर कोरोना जैसी महामारियों के विषय में वैज्ञानिक अनुसंधानों के नाम पर यदि इसी प्रकार की समयपासपद्धति अपनाई जाती रही तो आज के हजारों वर्ष बाद भी ऐसे अनुसंधानों से कोई सकारात्मक परिणाम निकलेगा ऐसी आशा करने का मतलब अपने ...